Supply Chain Management in Hindi-Supply Chain Management क्या होता हैं

Supply Chain Management in Hindi:- इस पोस्ट में  हम आपको उस विषय के बारे में बताने जा रहे हैं , जो की पूरे विश्व  में काफी पहले से उपयोग में  लाया जा रहा हैं ,और आज अधिकांश अर्थव्यवस्थाओं और सफल बहुराष्ट्रीय कंपनियों की रीढ़ है, और जिसके बिना आप नए प्रोडक्ट को नहीं बाना सकते तथा किसी भी सामान को एक जगह से दूसरे जगह तक नहीं ले जा सकते , अमूमन कोई भी व्यवसाय इस पर ही टिका होता हैं, जी हां आज हम Supply Chain Management के बारे में , बात करने जा रहे हैं ।

इस पोस्ट के पहले मैंने और भी कई पोस्ट लिखी हैं , जिसे आप देख सकते हैं .

Supply Chain Management in Hindi:- -18 वीं शताब्दी तक , प्राचीन काल से, आपूर्ति श्रृंखला के सभी हिस्सों को बड़े परिवहन विकल्पों की कमी और दुनिया भर में चलती वस्तुओं की उच्च लागत के कारण ज्यादातर स्थानीय रखा गया था। एक बार पानी के जहाज या शिप क्षमताओं का विस्तार होने के बाद, माल की मात्रा जो आपूर्ति श्रृंखला के किसी भी हिस्से में ले जाई जा सकती है, तेजी से बढ़ी, और आज के समय में ये किसी भी व्यवसाय और अर्थव्यवस्थाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण हो गया हैं , भारत देश में SCM का इतिहास काफी पुराना हैं, और  आज के समय में SCM में हायर डिग्री की जा रही हैं , क्योकि ये सब्जेक्ट किसी भी कंपनी  के Compound Annual Growth Rate (CAGR) पर डायरेक्ट प्रभाव डालता हैं .

आज के समय में बड़े बड़े प्रोफ़ेशनल्स को कंपनीज़ SCM में नियुक्त कर रही हैं , ताकि वो लोग अपने अपने अनुभवों से प्रोडक्ट की कॉस्टिंग को कम कर सके .

पहले SCM को कोई भी कम्पनीज इतना इम्पोर्टेंस नहीं देती थी , पर अब तो SAP तक ने इसके लिए सॉफ्टवेयर बना दिया हैं, जैसे Integrated Business Planning (आईबीपी), SAP® Analytics Cloud .

अब तो MBA की specialized डीग्रीयाँ, इस सेगमेंट में हो रही हैं, आज हम सबसे पहले, आपको ये समझाने की कोशिस करेंगे की SCM होता क्या हैं।

किसी भी प्रोडक्ट को बनाने में raw मैटेरियल से लेकर के फाइनल प्रोडक्ट , consumer तक डिलीवरी करने के कम्पलीट फ्लो को SCM कहते हैं .

SCM का मतलब – Raw मैटेरियल > फाइनल प्रोडक्ट / सर्विस > Consumer

जैसा की ऊपर दिए हुए लाइन से आप समझ सकते हैं, की किसी प्रोडक्ट को बनाने के लिए सबसे पहले तो कम्पनीज को raw मेटेरियल की जरूरत पड़ेगी , अब रॉ मटेरियल मिल जाने पर, उस रॉ मटेरियल के उपयोग से फाइनल प्रोडक्ट बनता हैं , फिर उसके बाद , ये फाइनल प्रोडक्ट Consumer को भेजा जाता हैं , तो आप समझ सकते हैं, की ये पूरा प्रोसेस SCM (सप्लाई चैन मैनेजमेंट) में आता हैं।

इस तरीके से हमको पता चलता हैं, की SCM  सेगमेंट किसी भी कंपनी के लिए बहुत ही महवपूर्ण हैं .

अब हम पांच कॉम्पोनेन्टस के बारे में बात करेंगे, जिस पर किसी भी कंपनी का SCM निर्भर करता हैं ,

1- Planning / योजना

2- सोर्सिंग

3- मेकिंग / निर्माण

4- Delivery / वितरण

5- रिटर्निंग

अब हम ऊपर दिए गए कंपोनेंट्स को एक एक करके डिसकस करेंगे –

1- प्लानिंग (योजना) –  किसी भी छोटे या बड़े काम को करने के लिए हम पूरी योजना बनाते हैं , अब आप इसे ऐसे समझे की अगर आप को कोई काम करना होता हैं , तो सबसे पहले उस काम को करने के लिए प्लान करते हैं .

और यदि आप की प्लानिंग या रणनीति सही रही, तो आप को सफलता मिलती हैं,  ठीक वैसे ही योजना बनाना किसी भी SCM  का सबसे महत्वपूर्ण फैक्टर होता हैं , जब तक योजना सही  नहीं होती, तब तक SCM कभी भी परफेक्ट सलूशन नहीं दे सकता हैं।

प्लानिंग में ये निर्णय लिया जाता हैं की कितनी मांग पर कितने रिसोर्सेज लगाए जाए ताकि कस्टमर के डिमांड को सही समय पर सही तरीके से कम्पलीट किया जा सके।

2 – Sourcing / सोर्सिंग –

Raw मेटेरियल को किस किस सोर्स से और कितना मॅगवाना हैं तथा उसकी क्वालिटी कॉस्टिंग ये सब चेक करना होता हैं , SCM में सोर्सिंग का बहुत ही महत्वपूर्ण फंक्शन होता हैं .

सोर्सिंग में ये भी पता लगाना होता हैं, की कौन कौन से वेंडर आपने डिमांड के अनुसार Raw मेटेरियल को ठीक समय , मात्रा तथा जगह पर पंहुचा सके, जिससे आप के कंपनी का काम न रुके , आप इसे ऐसे समझे की ये सभी फक्शन एक दुसरे से जुड़े हुए हैं , और कोई भी एक फक्शन ठीक से नहीं काम करेगा तो पूरा SCM का फक्शन पर बुरा प्रभाव पड़ेगा और एक सामान्य के लिए बड़ी असफलता होगा।

तो अभी तक हमने सीखा की SCM क्या होता हैं और इसका इतिहास क्या हैं , तथा ये भी जाना की ये किसी भी कंपनी के लिए ये बहुत महत्वापूर्ण हैं , अब हम अगले पोस्ट में, इसके  पांच  पहत्वपुर्ण कॉम्पोनेन्ट के बारे में विस्तार से बात करेंगे।

थैंक यू।

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